Politics


सांसद, विधायक ने खूब जमाया रंग

Updated on: Mon, 05 Mar 2012 12:28 AM (IST)
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सांसद, विधायक ने खूब जमाया रंग
कलुआही (मधुबनी), संवाद सूत्र : कलुआही प्रखंड के त्रिलोकनाथ उच्च विद्यालय के प्रांगण में रविवार को होली मिलन समारोह का आयोजन बड़े धूम-धड़ाके के साथ हुआ। होली मिलन समारोह की शुरुआत बेनीपंट्टी के विधायक विनोद नारायण झा ने विद्यालय प्रांगण में स्थापित विद्यापति प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं रंग-अबीर डाल कर किया। इसके बाद विधायक एवं सांसद हुक्मदेव नारायण यादव ने एक-दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं प्रकट कर उपस्थित जनप्रतिनिधि, पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों एवं आम जनता के साथ जीभर होली खेली। इस अवसर पर विधायक विनोद नारायण झा ने कहा कि होली सामाजिक सौहार्द, समरसता एवं भाईचारे का प्रतीक पर्व है। होली के रंग किसी जाति, वर्ण, उम्र के भेद से परे होते हैं। यह पर्व हमें विभिन्न रंगों के माध्यम से हमें मिलकर रहना सिखाता है। इस अवसर पर आयोजक द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। 'हैलो मिथिला' के प्रवीण कुमार, पवन नारायण, मनोज ठाकुर, सुधीर कुमार एवं गुड्डी ने होली गीत गाकर सभी का भरपूर मनोरंजन किया। इस होली मिलन समारोह का आयोजन प्रखंड भाजपा अध्यक्ष धीरेन झा के द्वारा किया गया। जिसमें एसडीएम सदर अरुण कुमार झा, कलुआही थानाध्यक्ष शैलेन्द्र झा, सांसद प्रतिनिधि वरुण सिंह, विधायक प्रतिनिधि रवीन्द्र दास, जिला मंत्री (भाजपा) मनोरमा देवी, जिला पार्षद सदस्य अनिता देवी, बीस सूत्री प्रखंड अध्यक्ष राजाराम झा, अमरेन्द्र सिंह, रामनरेश ठाकुर, जदयू के केदार भंडारी, उत्तिम चन्द्र साहु सहित बेनीपंट्टी एवं कलुआही प्रखंड के भाजपा जदयू गठबंधन के हजारों महिला-पुरुष कार्यकर्ता एवं पंचायत प्रतिनिधि इस मिलन समारोह में उपस्थित थे। इस अवसर पर लोगों ने यहां विभिन्न पकवानों का भी स्वाद लिया। समारोह स्थल पर आयोजक मंडली द्वारा खीर, पुआ, पूरी, इमरती, सब्जी का भरपूर इंतजाम किया गया था। होली मिलन के इस अवसर पर सांसद ने जोगीरा गाकर अपनी कलाकारी से उपस्थित जनसमुदाय को झुमा दिया। सांसद ने इस अवसर पर लोगों से आपस में प्रेम प्यार को जीवंत रखते हुए संयम पूर्वक होली खेलने का आग्रह किया।



उप्र में चुनावी वोल्टेज चढ़ा


Feb 01, 2012

गोंडा [अवनीश त्यागी]। पंजाब, उत्ताराखंड व मणिपुर में मतदान के बाद परवान चढ़ीं कांग्रेस की उम्मीदों का असर बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के तेवरों में नजर आया। उत्तार प्रदेश में चुनाव प्रचार के पहले ही दिन उन्होंने राहुल गांधी की आक्रामक मुहिम को पैना करते हुए मुख्यमंत्री मायावती पर सीधे हमले किए। प्रदेश की जनता को ठगने का आरोप दागा।

सोनिया गांधी ने बुधवार को गोंडा व देवरिया में दो जनसभाएं की। गोंडा के शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर कॉलेज के मैदान में मंच पर पहुंचते ही सोनिया ने एहसास कराया कि कोई बीमारी उन पर हावी नहीं है। लोगों का अभिवादन स्वीकार करने के बाद उनके चेहरे पर उस वक्त जरूर थोड़ी असहजता झलकी, जब क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को भीड़ ने हूट करते हुए भाषण देने से रोका। माइक संभालते ही सोनिया गांधी ने करीब 12 मिनट के संबोधन में गैर कांग्रेसी दलों को आड़े हाथों लिया। शुरुआत बसपा से की और केंद्रीय योजनाओं के करीब एक लाख करोड़ रुपये की बंदरबांट का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चुनाव से ठीक पहले 21 मंत्रियों का इस्तीफा लेती हैं। पांच वर्ष तक उन्हें बेईमानी नहीं दिखी। क्या अब सरकार पाक-साफ हो गई। यह जनता को ठगने वाली बात है।' सोनिया गांधी ने भाजपा के कांग्रेस, सपा व बसपा में अंदरखाने गठजोड़ के आरोपों का भी जवाब दिया। जनता पार्टी के कार्यकाल से लेकर सपा-बसपा तथा भाजपा-बसपा गठजोड़ जैसे उदाहरण गिना दिए। कहा कि पिछले 22 सालों में जिन्होंने सरकारें चलाई, उनके लोग तमाम गलत कामों में शामिल रहे हैं। वे अपने स्वार्थ के लिए और अपना घर भरने के लिए सरकार बना रहे थे। आम आदमी की कोई सुनवाई नहीं हो रही। सम्मान और सुरक्षा हर पल खतरे में है। अल्पसंख्यक, किसान, महिला, बुनकर व पिछड़ों को लुभाने के साथ ही सोनिया गैर कांग्रेसी दलों के खतरों से भी आगाह करने से नहीं चूकीं। किसानों के लिए कहा कि उन्हें सुविधाएं मिलना तो दूर जिंदगी चलाने के लिए जो थोड़ी बहुत जमीन है, वह भी खतरे में है। पूर्वाचल में फैले मस्तिष्क ज्वर का आतंक कम नहीं हो रहा है।

देवरिया में सभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केंद्र सरकार से एनआरएचएम के तहत भेजे हजारों करोड़ रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने का भी जिक्र किया। पूर्वाचल में रोजगार न होने और काम की खोज में क्षेत्रीय लोगों के अन्य प्रदेशों में जाने का ठीकरा भी गैर कांग्रेसी दलों पर फोड़ा।

बिल्ली हज को चली : मायावती

लखनऊ [नदीम], यह संयोग था कि जिस दिन बसपा प्रमुख मायावती का चुनावी अभियान शुरू हुआ, उसी दिन उत्तार प्रदेश में सोनिया गांधी ने चुनावी सभाओं-रैलियों के दौर का आगाज किया। राहुल गांधी तो सूबे में जमे ही थे। मायावती को अच्छी तरह से अहसास था कि मां-बेटे के निशाने पर मुख्य रूप से वह और उनकी पार्टी ही रहेगी। ऐसे में उन्होंने सीतापुर के साथ बाराबंकी की सभाओं में कांग्रेस को जमकर खरी-खोटी सुनाई।

मायावती ने बुधवार को कहा-कांग्रेस जो उत्तार प्रदेश को लेकर इतनी फिक्रमंद है, असलियत में उसकी स्थिति 'नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को' वाली है। 40 वर्ष की हुकूमत में उसने उत्तार प्रदेश को बर्बाद किया, अब यहां के वोटरों को सब्जबाग दिखा रही है। पिछड़ों को लुभाने के लिए पहले तो मायावती ने कहा कि उनका आरक्षण बढ़ाए बिना उसमें से अल्पसंख्यकों को कोटा दिया जाना ठीक नहीं। फिर कांग्रेस के अति पिछड़ों और अति दलितों के 'कार्ड' को फुस्स करने के लिए समझाया कि इससे उनकी ताकत कमजोर होगी, कांग्रेस फूट डालो और राज करो की नीति पर काम कर रही है। पिछड़ों में मुसलमानों का कोटा तय कर कांग्रेस मुसलमानों और पिछड़ों में बेवजह टकराव कराना चाहती हैं।

एनआरएचएम घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा-पूरी योजना तो केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर चलती है। केंद्र सरकार ने खुद जांच कराई तो कभी घोटाले की बात नहीं की। जब उन्हें [मायावती को] शक हुआ तो उन्होंने अपने मंत्रियों को हटाकर सीबीआइ जांच की सिफारिश कर दी। अब सीबीआइ तथा सीएजी 'अपने मालिक' के कहने पर चुनाव के मौके पर बसपा को ही बदनाम करने पर तुली हैं। जांच में ऐसी तेजी वह उन घोटालों में क्यों नहीं दिखा रही है, जिसमें कांग्रेस के नेता शामिल हैं।

बाराबंकी की जनसभा को लेकर उत्सुकता का विषय यह था कि वहां के कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया और केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को लेकर मायावती क्या बोलती हैं। दरअसल पुनिया से उनकी अदावत जग जाहिर है, लोकसभा के चुनाव के मौके पर उन्होंने बाराबंकी में ही पुनिया को गद्दार करार दिया था। लेकिन विधानसभा चुनाव में वोट मांगने निकली बसपा प्रमुख ने न तो पीएल पुनिया लेकर कुछ कहा और बेनी वर्मा को लेकर, जिनका पुत्र जिले की दरियाबाद सीट से चुनाव लड़ रहा है।

सपा को लेकर बसपा प्रमुख ने सिर्फ इतना कहा कि अगर यह पार्टी सत्ता में आ गई तो लूट खसोट के साथ बहन-बेटियों की इज्जत से सरेआम खिलवाड़ बढ़ जाएगा। भाजपा के बारे में उन्होंने कहा कि यह पार्टी तो खत्म हो चुकी है लेकिन किसी तरह अगर यह सत्ता में आई तो दंगे-फसाद उत्तार प्रदेश की नियति बन जाएंगे।