Thursday, May 12, 2016

उत्तरी बिहार के बड़े धार्मिक महत्व रखता सिमरिया की स्थिति बद से बत्तर -

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के गाँव के साथ - साथ उत्तरी बिहार के बड़े धार्मिक महत्व रखता सिमरिया की स्थिति बद से बत्तर -

उत्तरी बिहार के (मिथिला) बेगूसराय जिले में स्थित सिमरिया जो जिला मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर दक्षिण में गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह गांव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मस्थली के रूप में काफी मशहूर है। 23 सितम्बर 1908 को राष्ट्रकवि का जन्म हुआ था। अभी हाल में वहां जाने का मौका मिला जिसका हाल बद से बत्तर है। यहाँ की स्थिति भयंकर चिंताजनक है। यहाँ न कोई सरकारी व्यवस्था है ना ही नहाने के लिए घाट है ना ही कोई विश्रामालय है और तो और शाम होते ही कूप अँधेरे में सो जाता है सिमरिया।


आपको बता दूँ मिथिलावासी के लिए यह भूमि इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ गंगा मैया बहती है। देवघर से लौटने के पश्चात श्रद्धालु यहीं से जल भरकर अपने अपने घर ले जाते हैं। यह वही भूमि है जहां पुराणों में वर्णित समुद्र मंथन हुआ। रुद्रयामल तंत्र में शाल्मली वन नाम से वर्णित इसी भूमि पर 14 रत्नों के साथ अमृत कुंभ निकला और इस रूप में ये आदि कुंभ स्थली बनी। स्कंध पुराण और रुद्रयामल तंत्र और अन्य अनेक ग्रंथों में वर्णित है कि किसी समय देश 12 स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता था, वैदिक युग में सिमरिया (बिहार), गोहाटी (असम), कुरुक्षेत्र (हरियाणा), जगन्नाथपुरी (उड़ीसा), गंगासागर (प. बंगाल), द्वारिका (गुजरात), कुंभकोणम (तमिलनाडु), रामेश्वरम (तमिलनाडु), हरिद्वार (उत्तराखंड), प्रयाग (उत्तर प्रदेश), उज्जैन (मध्य प्रदेश) और नासिक (महाराष्ट्र) इन बारह स्थानों पर पावन महाकुंभपर्वों का आयोजन होता था। लेकिन इसकी दशा बत से बत्तर है।


सिमरिया बिहार (प्रस्तावित मिथिला) के बेगूसराय जिले में गंगा नदी के मनोरम तट पर स्थित है।
बिहार की राजधानी पटना से दूरी -70 किलोमीटर,
पटना से सड़क एवं रेल मार्ग दोनों से सुविधा उपबल्ध,
बेगूसराय से 13 किलोमीटर,
बरौना जंक्शन से 11 किलोमीटर,
मोकामा जंक्शन से 10 किलोमीटर,
हाथीदाह जंक्शन से 2 किलोमीटर,
गंगा नदी पर बने ऐतिहासिक राजेन्द्र पुल से ½ किलोमीटर।


राज्य सरकार से अनुरोध है कि वो इसकी सुध ले और सरकारी व्यवस्था से जोड़े इस पावन धरती सिमरिया को, इस पावन धरती राष्ट्रकवि दिनकर के जन्मस्थान को। आज राष्ट्रकवि श्री दिनकर के लिए देश भर में कई कार्यक्रम आयोजन होते हैं, बिहार के राज्य सरकार भी इनका उपयोग समय समय पर करती रही है लेकिन इनके जन्मस्थान को कोई सुध लेने वाला बनिये। व्यापारी वर्गों से भी बिनती है की आप भी कुछ सहयोग करिये - गेस्ट हाउस खोलकर, रेस्टॉरेंट खोलकर या अन्य सम्भावना तलाशिये वहां जाकर। यकीन मानिये पैसे तो कमाएंगे ही साथ साथ बहुत धर्म कमाएंगे सर।

इन्ही बातों से अपने शब्दों को विराम देकर राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर को सत सत नमन एवं श्रद्धांजलि - विभय कुमार झा / 9818177280 /

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